अभी स्कोर एक एक

तेज प्रताप नारायण
भारत और पाकिस्तान के लव सीरीज का स्कोर वन ,वन पर ।यह सीरीज ड्रा होगी या कोई देश जीतेगा ? अभी तो यह भी पता नहीं कि अगली बार कब खेली जायेगी और उस बाल का हश्र क्या होगा? तब तक मीडिया की दूरअंदेशी और रिपोर्टिंग को देखते रहिए और अपना माथा पीटते रहिए ।
एक बार को लगता है राजनीतिज्ञों के साथ मीडिया का भी उतना ही पतन हुआ है ।कभी मीडिया समाज की आंख हुआ करता था ।देश का सी सी टी वी हुआ करता था ,जहां समाज की सच्चाई हू ब हू जनता के सामने लाया जाता था ।लेकिन आज मीडिया फेक न्यूज़ का किला बन गया जिसको फतह कर पाना बहुत मुश्किल है ,नामुमकिन तो नहीं ।
मैच की बात करते हुए क्रिकेट मैच के कितने ही सारे एक्साइटिंग क्षण हमारी आंखों के सामने आ जाते हैं ,जब मैच क्रिकेट का होता है लेकिन जज़्बात युद्ध के होते हैं ।ऐसा लगता है कि बाल नहीं गोली फेंकी जाती है ।
अभी जो मैच हो रहा है वह लव मैच हो रहा है ।प्यार की एक गेंद सीमा ने फेंकी और सचिन का विकेट गिर गया और दूसरी गेंद अंजू ने फेंकी और नसीरुल्लाह बोल्ड हो गए ।अभी दोनों साइड का एक एक विकेट ही गिरा है और जिस तरह नेम और फेम मिलता है इस तरह के मैच को , उससे तो लगता है जल्दी ही कुछ और गेंद फेंकी जायेंगी और कुछ और लोग बोल्ड होंगे ।
एक्चुअली यह नारी सशक्तिकरण का एक पहलू भी कहा जा सकता है । आख़िर कोई पुरुष ही क्यों किसी महिला को छोड़ेगा ? महिलाओं ने दिखाना शुरू कर दिया है कि वे भी इतनी बोल्ड हो सकती हैं कि सीमा पार जाकर भी मुहब्बत का क्रिकेट खेल सकती हैं ।
भारत और पाकिस्तान के इस मैच में पोलैंड की बारबरा ने भी गुगली डालकर झारखंड को प्रसिद्धि के शिखर पर खड़ा कर दिया है ।
एक बात और ख़ास है कि सीमा और बारबरा अपने साथ बच्चों को भी लाई हैं और अंजू ने बच्चों को यही भारत में छोड़कर नारी सशक्तिकरण की लंबी छलांग लगा दी है । आख़िर महिलाएं ही बच्चों को क्यों संभाले ? पुरुषों को भी तो मौके मिलने चाहिए ।अंजू ने एक तरीके से सीमा और बारबरा को मात दे दी है ।भारत देश की महिमा है तो सोच भी आधुनिक होगी न? भारत के बहुत देश भक्त इसमें खुश हो सकते हैं कि अंजू ने सीमा को मात दे दी है । कुछ लोग इसे पाकिस्तान की चाल भी कह सकते हैं कि उसने जानबूझकर भारत की आबादी बढ़ाने का कुचक्र रचा है लेकिन यह जानकर भी संतुष्ट होंगे कि आबादी सबसे बड़े धर्म की बढ़ी है ।
इसमें कोई शक नहीं है कि प्रेम की यह कहानियां प्रेम के आयाम को विस्तार दे रहीं हैं । हां कई सारे किंतु परंतु ज़रूर है लेकिन ये सारे दूर देश के संबंध क्या यथार्थ की कठोर सच्चाइयों का सामना कर पाएंगे या समय की सड़क पर थक हार जायेंगे ? आने वाला समय इसका उत्तर देगा यदि यह मान लिया जाए कि कानूनी रूप से सब निर्दोष साबित हो जायेंगे।कानून अपना काम कर रहा है और मीडिया अपना ।
जो भी हो मीडिया को एक मसाला ज़रूर मिल गया है जिसको मिलाकर वे समाचार की अच्छी अच्छी डिश बनाते रहेंगे और जनता का पेट भरते रहेगा ।