तुम्हारा प्रेम

सीमा पटेल ,दिल्ली
कवयित्री सीमा पटेल विभिन्न मुद्दों पर लिखती हैं ।इनकी कविताएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है ।कई साझा काव्य संग्रहों जैसे मशाल ,पर्दे के पीछे की बेख़ौफ़ आवाज़ें और शब्दों की अदालत में आपकी कविताएँ प्रकाशित हो चुकी हैं ।देश के कई मंचों से काव्य पाठ भी कर चुकी हैं ।
मैंने अक्सर तुम्हें रोका
लेकिन रोक न पायी
शायद मेरे प्रेम में कमी
या तुम्हारे समझने में कमी
तुम्हारी ये कमी ख़तम न हुई
तुम जितनी दूरी बनाते गए
मैं और भी क़रीब आती गयी
तुम मौन होते गए,
और मैं मुखर होती गयी
तुम धागे उलझाते रहे
और मैं सुलझाती रही
मैं परछाईं बन,
तुम्हारी धूप में जलती रही
और तुम अवहेलना करते रहे
तुम जब भी कभी, पीछे मुड़ कर देखोगे
तब बहुत देर हो चुकी होगी
तब तुम्हारे पीछे गहन सन्नाटा
और खालीपन का भयानक शोर होगा
रोशनी की सारी रश्मियाँ
डूब चुकी होंगी
और तुम्हारे सीने को
भेदने वाली किरण
मृत्यु की गोद मे सो चुकी होगी …!!