बुद्ध होने का अर्थ

तेज प्रताप नारायण

बुद्ध होने का अर्थ
जीवन के मोह से मुक्ति नहीं
सांसारिक सुखों का त्याग नहीं

बुद्ध होने का अर्थ
अंदर और बाहर से शुद्ध होना है
आंतरिक और बाह्य के द्वैत को कम करना है

बुद्ध होने का अर्थ
हृदय की करुणा और बुद्धि के तर्क की दो पटरियों पर
जीवन की रेल गाड़ी का चलना है

बुद्ध होने का अर्थ
ऊपर से प्रेम दिखाकर
अंदर से पर कुतरना नहीं
लव की इमोजी देकर
दीमक की तरह कमज़ोर करना नहीं

बुद्ध होने का अर्थ
समस्त संसार को दिल में समाहित करना
प्रेम की गंगा को धरती पर प्रवाहित करना
समस्त कृत्रिम भेदभाव का तिरोहित करना

बुद्ध होने का अर्थ
प्रेम में हो जाना है
प्रेम पढ़ना,प्रेम लिखना
प्रेम कहना और प्रेम सुनना होता है

बुद्ध होने का अर्थ
जीवन का सार्थक हो जाना है
मानवता का समर्थक हो जाना है

बुद्ध होने का अर्थ
हर तरह की शत्रुता का त्याग होता है
बुद्ध के शत्रु हो सकते हैं
किंतु बुद्ध का कोई शत्रु नहीं होता है

आओ हम सब बुद्ध बनें ।

तेज

बुद्ध पूर्णिमा

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2 Comments

  • सार्थक अभिव्यक्ति है, सच में बुद्ध को जानना और जीवन मे उतरना बड़ी बात है।

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