वन्दे मातरम

वीर शहीदों की गाथा हम गाते हैं अभिमान से ।
करते है हम वंदन उनका शीश नवा कर मान से ।
वन्दे मातरम …..वन्दे मातरम…..
प्राणों की आहूति देकर अमन चैन का शंख बजाया ।
देश प्रेम की अनुभूति से, भारत माँ का मान बढ़ाया ।
वन्दे मातरम…..वन्दे मातरम …..
कारगिल की घाटी में जब फ़ौजी के रक्त बहे होंगे ।
नदी, झील, सागर और झरने आँसू भर रोये होंगे ।
वन्दे मातरम …..वन्दे मातरम …..
तोपों के वर्षण से तब हजारों वीर शहीद हुए होंगे ।
जिंदा वीरों की आंखों में प्रतिशोध के ज्वाले जले होंगे ।
वन्दे मातरम…..वन्दे मातरम …..
वीर भाइयों की शहादत में, कितनी बहनों के अश्रु बहे होंगे ।
जब राखी के धागे के बदले, झंडे में लिपटे शव दिखे ।
वन्दे मातरम…..वन्दे मातरम…..
खाई कसम जब मातृ भूमि की, आंच नहीं आने देंगे ।
रणभेरी का बिगुल बजा कर , शत्रु को न डटने देंगे ।
वन्दे मातरम …..वन्दे मातरम …..
माँ का दिल भी रोया होगा खोकर अपने लाल को ।
देश प्रेम के खातिर जिसने दे दी अपनी जान को ।
वन्दे मातरम …..वन्दे मातरम…..
वही भगत सिंह वही राजगुरु और वही सुखदेव थे।
जिनके शौर्य, अदम साहस से घर-घर झंडे लहरे थे ।
वन्दे मातरम…..वन्दे मातरम …..
सीमा पटेल,दिल्ली