सरदार वल्लभभाई पटेल

कवयित्री एवं कथाकार स्वर्णलता पटेल का जन्म मध्यप्रदेश के रीवा जिले में हुआ । पेशे से आप एक यांत्रिक अभियंता हैं । इन्हें समाज सेवा एवं हिंदी तथा उर्दू साहित्य की रचनाओं के प्रति विशेष रुचि है। आप अनेक घटनाओं से प्रभावित होकर जनसमुदाय के बीच अपने विचारों को प्रस्तुत करने का प्रयास करती हैं । साहित्यिक कृतियों को प्रायोगिक जीवन से जोड़कर लिखना आपकी विशेषता है ।
स्वर्णलता ने साहित्यिक जीवन की शुरुआत ”
वो शाम उपन्यास से किया । इस उपन्यास को लिखने की प्रेरणा इन्हें ” अग्नि की उड़ान से मिली , । ये मानती हैं कि इनके पंखों को उड़ान देने का कार्य डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी ने दी। अग्नि की उड़ान से इनके ज़ेहन में ये खयाल आया कि ये भी आज की युवा पीढ़ी की खयालों को समेटने में अपना योगदान दे सकतीं हैं । यह उपन्यास युवा पीढ़ी को जीवन जीने की प्रेरणा देती है । उपन्यास ऐमज़ॉन पर उपलब्ध है ।

नाडियाड में जन्मा एक साधारण सा बालक ,
मात- पिता थे जिनके झवेरभाई और लाड़बा।।

जिनकी रग- रग में थी , एक – राष्ट्र की कल्पना,
देश की आज़ादी जिनका हर सुबह का सपना।।

बारडोली सत्याग्रह की सफलता को अंजाम दिया,
तो ‘ सरदार’ का ताज पहना , महिलाओं ने सम्मान दिया।।

स्थिर रखने राष्ट्र- एकता उच्च पदों का त्याग किया ,
विजयी होकर लोभ- क्रोध पर देशहित का साथ दिया ।।

गरीब किसानों के लगान पर सत्याग्रह संधान किया ,
अग्रेंजी सरकार विवश कर परम राष्ट्रहित काम किया ।।

एकीकरण के स्वप्न को जिसने यथार्थ में बदल दिया,
बापू ने जिन्हें गर्व से, ” लौह पुरुष” सम्मान दिया ।।

पांच सौ पैसठ रजवाड़ों को कूटनीति से विलय किया,
जूनागढ़ से जनमत लेकर ,कश्मीर तक सुलह किया ।।

सबक सिखा जिसने निजाम को हैदराबाद में युद्ध किया,
इस्पात ढांचे की सेवा का ,नए रुप से गठन किया ।।

जिनका हृदय था कोमल आवाज में दहाड़ थी ,
मजहब विरोधी की वेदना , एक अजेय पहाड़ थी।।

हर मजहब को गले मिलने का सबक सिखाया ,
हर वक्त सत्य के साथ खड़ा रह कर दिखाया ।।।

है सरदार वो इस पुण्य भारतभूमि के ,
है नमन उनको इस नित्य भारत भूमि से ।।।।।।

Related post

1 Comment

  • आप अपने जीवन मे नये आयामो को प्राप्त करे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.