【मरम्मत】 फिलहाल, मेरा जूता टूट गया हैइसे ठीक कराना हैबाहर भारी बारिश है पानी बरस रहा हैनदी ने जूता नहीं पहना हैजबकि उसको भी दूर जाना है फिलहाल, उधेड़बुन में हूँआखिर जूताबार बार क्यों टूट जाता है मेरानदी का नहीं टूटता बादल का जूता उससे भी पुराना हैऔर उस मोची का जूताजो कल्पना में बहुत […]Read More
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कानपुर के युवा कवि और कथाकार अभिषेक पटेल ‘अभी ‘ सम्प्रति इलाहाबाद बैंक में कार्यरत हैं ।’ एकलव्य ‘सामाजिक यथार्थ की एक समसामयिक कविता है । तुम बने रहो एकलव्य ! पूजते रहो द्रोणाचार्य ! बलि देते रहो अपने अंगूठे की ! तुम क्यूँ नही समझते , कि तुम्हारी योग्यता , तुम्हारी कला प्रवीणता , […]Read More
【सुनो मित्र】 ताश का महल मत होनाकि कुछ दिलजलो की अंगुलियाँआतुर रहती हैं चुटकी बजाने को खोल को तोड़हो जाना बेहतर चारपायाकुछ नामुरादों की अंगुलियाँआतुर रहती हैंअंडो की जर्दी चुराने को थप्पड़ को दिल से लगाओगेतो उठ न फिर पाओगेकुछ नमूनों की अंगुलियाँआतुर रहती हैंयहाँ मुक्का हो जाने को , दर्द हो कराहना मतमुस्कुरा देनाये […]Read More
आगरा की कवयित्री पूनम भार्गव” ज़ाकिर दक्षिनांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (UPPCL) के अधीन कार्यरत हैं ।मूलरूप से चित्रकार हैं ।इनकी कविताएँ विभिन्न साझा संग्रहों जैसे 100 क़दम,अहसास की दहलीज़ पर,पर्दे के पीछे की बेख़ौफ़ आवाज़ें“शब्दों की अदालत में, चिनगारियाँ ,निलाांबरा आदि में छप चुकी हैं।ई- पत्रिका अल्फ़ाज़, हस्ताक्षर वेब पत्रिका,अमर उजाला काव्य, जीनियस अचीवर,सुवर्णा, […]Read More
विमल कुमार ‘भारती’ख्यातिलब्ध शिक्षक, प्रेरक एवं कविअमरपुरा, पटना, बिहार [ कविता और प्यार ] कविता लिखी नहीं जातीखुद-ब-खुद लिख जाती हैवैसे ही जैसेप्यार किया नहीं जाताखुद हो जाता है कविता मेंशब्दों को जोड़नाअंगों को मिलाने जैसा हैशब्दों के बीच यौन संबंधस्थापित करने जैसा हैइसमें काव्य कहाँ हैप्रेम कहाँ है प्यार और काव्यदोनों का मूलसहज भाव […]Read More
दमयन्ती गंगवार,उत्तर प्रदेश सरकार में कार्यरत हैं । अनुभूति की बारीकी कविता तक ले आयी और कविता स्वयं तक । 【1】 आसमान का आंगन नीला और धरती माँ का दामन गीला है आजकल!क्या आसमान के आंगन की आह जमीन से उठे धुएं और कालिख से बनी है!ऐसा लगता है आसमान ने सदियों बाद अपने घर […]Read More
तेज प्रताप नारायण जीवन के संध्या काल मेंजब नातिन -नातियों के नाना नानीपोते -पोतियों के दादा दादीसुकून के दो पल ढूढ़ते हैंदो समय की रोटी औरसर छुपाने के लिए छोटा सा घर ढूँढ़ते हैं तो उन्हें मिलता हैलड़ाई झगड़े का कोलाहलआपसी रिश्तों की हल चलउनके बेटे -बेटियां बड़े हो जाते हैंस्वार्थ और लालच की कालीन […]Read More
सईदा सायरा रिज़वी,उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के लखनऊ पुलिस लाइन्स स्थित “पुलिस मॉडर्न स्कूल”की Founder Principal, पठन पाठन लेखन एवं शायरी में रुचि। समाज मे वंचित वर्ग के कष्टों के प्रति जागरूक ।सेवा को समर्पित रोटरी क्लब की सदस्य ।इसके अतिरिक्त Human Right Comission Crime Against Women की प्रदेश अध्यक्षकिसान मंच वीमेन सेल की उपाध्यक्षउदीयमान […]Read More
17 अप्रैल ,1986 को मल्लावां, हरदोई (उ.प्र.) में जन्मी कवयित्री आरती चिराग़ की प्रारंभिक शिक्षा हरदोई में ही हुई ।हिंदी साहित्य और समाज शास्त्र से MA हैं , बी एड और लॉ भी कर चुकी हैं । लेखन का प्रारम्भ कविताओं से। कुछ कविताएं विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं ।छात्र राजनीति में भी […]Read More







