अनुभूति

प्रेम एक ऐसी अनुभूति है
जो दिलों की गहराइयों में बसती है
व्यक्तित्व से प्रेम करती है
प्रेम की अनुभूति को क़ायम रखने के लिए
उम्र-आकर्षण
रूप-रंग
स्त्री-पुरुष
दौलत- शोहरत
मज़हब-मुल्क
आदि से कोई सरोकार नही होता
वो तो जन्म लेती है सिर्फ़
दिलों में
धड़कनों में
साँसों में
और संवेदनशील ह्रदय में
प्रेम के एहसास को जिंदा रखने के लिए
इंसान की इंसानियत में
रूहानियत होनी चाहिए
रूहानियत में
प्रेम कब पनप जाता है
प्रेमी को भी पता नही लगता
और वो उस प्रेम में जीने लगता है
कभी-कभी “जीवन-प्रेम
नज़रंदाज़ होंनें से
अपनी कच्ची उम्र में ही
दम तोड़ देता है
प्रेम के एहसास को
नज़रंदाज़ न करें.
दिलों में प्रेम के एहसास के बीज रोपिये
प्रेम को अंकुरित होने के लिए
प्रेम को प्यार से सींचिये
एक दिन ये बीज अंकुरित होकर विशालकाय छाँवदार
वृक्ष का रूप ले लेगा
और फिर आप उस छाँव में
सारी उम्र सुख-चैन से बिता सकते है ..
जीवन मे प्रेमानुभूतियों को जिंदा रखें …!!
—सीमा पटेल