बांसुरी

तेज प्रताप नारायण
चार कविता संग्रह, दो कहानी संग्रह और एक उपन्यास के लेखक तेज प्रताप को प्रेम चंद सम्मान,मैथिलीशरण गुप्त सहित कई अन्य सम्मानों से नवाजा जा चुका है ।उनका पहला व्यंग्य संग्रह , ज़ीरो बटा सन्नाटा, और दूसरा उपन्यास प्रकाशन के विभिन्न चरणों में है।एक कहानी संग्रह , एक कविता संग्रह और एक ग़ज़ल संग्रह पर भी काम चल रहा है ।
कई साझा काव्य संग्रहों का सम्पादन भी कर चुके हैं ।
पौराणिक कृष्ण से लेकर
वास्तविक हरि प्रसाद चौरसिया तक
बांसुरी की तान पर झुमाने वाले कलाकार
बांसुरी के छेदों में सांसे भरकर
संगीत पैदा करके
बन गए बड़े फनकार
बांस की बांसुरी में लय भरना
बांसुरी के बांस को हवा से अनुनादित
करके
आवृत्ति की पुनरावृत्ति करके
उसमें संगीत पैदा कर देना
अद्भुत होता है
संगीत के इतिहास में बांसुरी
और बांसुरी के इतिहास में संगीत
मील के पत्थर की तरह हैं
लेकिन बांसुरी को बनने देने वाले बांस
बांस को पैदा करने वाले किसान
नकार दिए जाते हैं
बिल्कुल उनकी चर्चा नहीं होती है
बिल्कुल उसी तरह
युद्ध लड़ता है जवान
लेकिन जीत होती है राजा की
अनाज पैदा करता है किसान
लेकिन फ़ायदा होता है
व्यापारी का
बांस,जवान,किसान
सिर्फ़ उपयोग आते हैं
उनका इतिहास में स्थान नहीं होता
कुछ चीज़ों की सिर्फ़ उपयोगिता होती है
उनमें वास्तविकता होती है
लेकिन ऐतिहासिकता नहीं होती है
इतिहास और सच कभी कभी ही मिलते हैं ।