माँ का पल्लू

डॉ राकेश कुमार सिंह ,वन्य जीव विशेषज्ञ,कवि एवं स्तम्भकार

जब बहता है आंखों से पानी, याद अब भी आता है माँ का पल्लू।१।

जब लुढ़कते थे गालों पर आंसू, रूमाल बन जाता था माँ का पल्लू।२।

लगती थी जब मुंह पर जूठन, मुंह पर चल जाता था माँ का पल्लू।३।

सोते थे जब मां की गोद में, चादर बन जाता था माँ का पल्लू।४।

जेठ की जलती दुपहरिया में, छाया बन जाता था माँ का पल्लू।५।

बहता था जब माथे पे पसीना, पंखा बन जाता था माँ का पल्लू।६।

डपट दे गर कोई आकर, कोतवाल बन जाता था माँ का पल्लू।७।

पकड़ के पल्लू जब चलते, तो रस्ता दिखलाता था माँ का पल्लू।८।

खानी होती थी जब टॉफ़ी, तिजोरी बन जाता था माँ का पल्लू।९।

जब लाते थे जामुन तोड़कर, फलदानी बन जाता था माँ का पल्लू।१०।

फूंक मार कर आँखों की पीड़ा, गायब कर जाता था माँ का पल्लू।११।

लगी हाथ में जब धूल तो, अंगोछा बन जाता था माँ का पल्लू।१२।

छुपम-छुपाई के खेल में, छिपाता हमको था माँ का पल्लू।१३।

कर लो सैर दुनिया की पूरी, पर जन्नत दिखलाता था माँ का पल्लू।१४।

करके चोरी माखन की, कन्हैया ने भी थामा था माँ का पल्लू।१५।

हो उदास जब मन जीवन में, कर लेना ध्यान माँ का पल्लू।१६।

माँ ही ईश्वर माँ ही जीसस, मंदिर और गिरजाघर था माँ का पल्लू।१७।

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26 Comments

  • बहुत बढ़िया बड़े भाई।

    • सादर धन्यवाद मनिंदर जी

    • बहुत धन्यवाद मनिंदर जी
      सादर

  • Superb

    • अवनीश सर
      सादर धन्यवाद

    • सर सादर धन्यवाद

  • Very nice dr shahb

    • सादर धन्यवाद

  • Very nice sir

    • Many thanks
      Regards

  • बहुत सुंदर

  • बहुत धन्यवाद
    सादर

  • Dil ko chhu gaya maa ka pallu. Sir

    • आपके प्रेम भरे शब्द भी दिल को छू गए
      सादर धन्यवाद

  • आपके कमेंट ने भी दिल को छू लिया
    सादर

  • हृदय की गहराइयों से लिखी कविता है,

    • हृदय की गहराइयों से आये आपके शब्दों से अभिभूत हूँ
      सादर

    • बहुत बहुत सहृदय धन्यवाद
      सादर

  • Very nice keep it up

    • Sir many thanks for blessings
      Regards

  • Amazing Can easily relate to real life

    • Many thanks
      Regards

  • बहुत ही मार्मिक अति सुंदर दिल को छूने वाली पंक्तियां

  • हृदय की गहराइयों से आये आपके शब्दों से अभिभूत हूँ
    सादर

  • Sir many thanks for blessings
    Regards

  • बहुत बहुत सहृदय धन्यवाद
    सादर

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