सुबह जब वो उठती है

-डॉ आरके सिंह, वन्य जीव विशेषज्ञ, कवि एवम स्तम्भकार

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या-क्या उठ जाता है।।

श्रृंगार दान पर चिपकी बिंदी जग जाती है।
बालों का बन्धन जूड़े पर बंध जाता है।
खिड़की का पर्दा हट जाता है।
नल का रुका पानी चल जाता है।

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या-क्या उठ जाता है।।

उसके हाथों की चूड़ी खनक जाती है।
पांव की पायल घर को जगाती है।
उसकी आवाज़ एक मिश्री सी घोल जाती है।
अलसाई सुबह को एक साथी मिल जाता है।

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या-क्या उठ जाता है।।

रसोई के बर्तन खनखनाते हैं।
बुझा चूल्हा फिर धधक जाता है।
चाय का प्याला सबको मिल जाता है।
घर-गृहस्थी को जैसे पंख सा लग जाता है।

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या-क्या उठ जाता है।।

पूजा की थाली सज जाती है।
घर का मंदिर दीपक से रोशन हो जाता है।
पूजा घर की घण्टी बज जाती है।
तुलसी को जल चढ़ जाता है।

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या-क्या उठ जाता है।।

आंगन का सूना तार कपड़ों से भर जाता है।
गौरैया को दाना मिल जाता है।
संग उसके सब कुछ तो उठ जाता है।
ऐसा लगता है उसके उठने से सारा संसार उठ जाता है।

सुबह जब वो उठती है, न जाने क्या क्या उठ जाता है।।

-डॉ आरके सिंह, वन्य जीव विशेषज्ञ, कवि एवम स्तम्भकार

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15 Comments

  • Sir, these are the real truths of our life. We always should respect our house women.
    Thank you for sharing this poet with me.

    • धन्यवाद आपका
      सचमुच महिलाओं के योगदान को नजरअंदाज किया जाता है।
      जबकि वह कितना अधिक कार्य करती हैं
      सादर

  • भारतीय नारी की दिनचर्या जो घर को स्वर्ग में बदल देती है। अत्यंत शानदार व सजीव चित्रण ।

    • Sir,
      These lines are really touch the heart, and creat respect to our house women.salute hai Sir aapko for creating this type of live picture

      • आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
        एक प्रयास है भारतीय महिलाओं के योगदान को आमजन तक पहुंचने का।
        धन्यवाद
        सादर

    • सर आप मेरे प्रेरणा स्रोत हैं। आपके आशीर्वाद भरे शब्दों हेतु कृतज्ञ हूँ
      सादर

  • आदर्श भारतीय गृहणी जो माँ, पत्नी व बहू के स्वरूप में है, के प्रातःकालीन दिनचर्या का सराहनीय चित्रण।
    वाह! सनम वाह!

    • सर आप सदैव मेरी रचनाओं को ध्यान से पढ़ते हैं। आपके अमोल शब्द व आशीर्वाद हेतु सादर धन्यवाद

  • सर आपके अनमोल शब्दोंव आशीर्वाद हेतु सादर धन्यवाद।

  • सर आपकी लेखनी अद्भुत है। शब्द से लेकर हर भाव दिल को छू लेता है

    • बहुत बहुत धन्यवाद

    • आप सबका प्रेम व उत्साहवर्धन ही मेरे लिए ब्लेसिंग्स हैं
      सादर

    • Dhanyawad

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