नेता जी

शाक्य बीरू एंटीवायरसजिला- गाजीपुरउ० प्र०Mob 8900965632 चुनाव की रणभेरी बजने में तो अभी दो साल का वक्त था। क्षेत्र के नेता जी जनता के दु:ख-दर्द में हमेशा साथ होते थे। चाहे राज्य में उनकी अपनी पार्टी की सरकार हो या न हो , अपने छुटभैयों के मदद से वह लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी […]Read More

अनिल अविश्रांत की कविताएँ

गृह जनपद–बाराबंकीशिक्षा-बी.एड, यू जी सी-नेट, पीएच.डीडॉ अनिल कुमार सिंह अनिल अविश्रांत नाम से रचनात्मक लेखन करते हैं.उन्होंने ’20वीं शताब्दी के हिन्दी उपन्यासों में किसान संघर्ष’ विषय पर पीएच.डी. की है. एक काव्य संग्रह ‘चुप्पी के खिलाफ़’ प्रकाशित है। शिक्षा, साहित्य और सिनेमा विषय में उनकी गहरी अभिरुचि है. उनके कई लेख प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित […]Read More

सुरेखा साहू की कविताएँ

सुरेखा साहूशिक्षा- बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) ऍम टेकआप भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं | इन्होंने, दो तीन सालों से ही कविताओं द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त करना शुरू किया है | इनके हिसाब से, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दूसरे से बात करने का समय ही नहीं मिल पाता है और कई अनकही बातें मन […]Read More

अनुपमा सरकार की कविताएँ

अनुपमा सरकार शैक्षणिक योग्यता : बैचलर ऑफ़ एप्लाइड साइंस, एम्.ए (अंग्रेजी) वेबसाइट: https://scribblesofsoul.com/ यूट्यूब चैनल : मेरे शब्द मेरे साथ  https://www.youtube.com/MereShabdMereSaath/ प्रकाशित किताबें: फ़ुर्सत के पल,  Don’t Hate The Don’ts     साझा संग्रह प्रकाशित      :  स्पंदन Resonance,  लहर लहर इकतारा, Colours of Refuge,  सरगम Tuned,  मशाल,  परदे के पीछे की बेखौफ आवाज़ें, शब्दों की अदालत, शब्दों […]Read More

नीलम सक्सेना चंद्रा की कविताएँ

नीलम सक्सेना चंद्रा लेखन में जाना माना नाम है | कविताएँ एवं कहानियाँ लिखना आपका शौक है| आपके चार उपन्यास, एक उपन्यासिका, छह कहानी संग्रह, बत्तीस काव्य संग्रह व तेरह बच्चों की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं| आपको विभिन्न पुरस्कारों से सुशोभित किया गया है, जैसे अमेरिकन एम्बेसी द्वारा आयोजित काव्य प्रतियोगिता में गुलज़ार जी […]Read More

माँ का पल्लू

डॉ राकेश कुमार सिंह ,वन्य जीव विशेषज्ञ,कवि एवं स्तम्भकार जब बहता है आंखों से पानी, याद अब भी आता है माँ का पल्लू।१। जब लुढ़कते थे गालों पर आंसू, रूमाल बन जाता था माँ का पल्लू।२। लगती थी जब मुंह पर जूठन, मुंह पर चल जाता था माँ का पल्लू।३। सोते थे जब मां की […]Read More

मैं उस घर में दिया जलाने निकला हूँ ,जहाँ सदियों

कौशल किशोर,सीनियर ब्यूरोक्रेट,भारत सरकार प्रसिद्ध लेखक एवं स्तम्भकार मैं उस घर में दिया जलाने निकला हूँ जहाँ सदियों से अँधेरा है !This was his clarion call as Social justice Minister in the Govt headed by the Prime Minister VP SINGH , in the month of August 1990 when he spearheaded the implementation of Mandal reservation […]Read More

धरती से बहुत दूर एक धरती

अशोक वर्मा ,भारतीय पुलिस सेवा कवि और लेखक पिछले साल इन्हीं दिनों अख़बारों में अत्यन्त हर्षानेवाली एक ख़बर छपी थी। ख़बर थी कि वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड में एक ऐसा ग्रह खोज लिया है, जिसमें जीवन की संभावनाएँ हैं। इसका नाम के2- 18बी है। अब तक खोजे गए लगभग 4000 ग्रहों में यह ग्रह मानव-जीवन के […]Read More

प्रेम चंद की पुण्यतिथि पर उनको समर्पित एक कविता

तेज प्रताप नारायण इस देश का किसानशोषण की चक्की मेंपिसता है ,जैसे पिसान अधिक दाम पर खरीदताखाद , बीज ,यंत्रऔर कम दामों पर बेचता हैहर समानचाहे हो फल ,सब्जीया हो गेंहू और धान सहता है हमेशा चिलचिलाती सर्दीऔर तेज़ घामहै कोल्हू के बैल जैसाकभी नहीं मिलता आराम । कभी लेखपाल दंश मारताकभी थाने का पुलिस […]Read More

भावना सिंह ‘भावनार्जुन ‘ की कविताएँ

भावना सिंह “भावनार्जुन”लेखिका व साहित्यकार ।।एम.एस.डब्ल्यु. लखनऊ विश्वविद्यिलय .लखनऊ ।। “खुद की स्याही से ” काव्य संग्रह’“स्वयं प्रवाह ” काव्य संग्रहरवीना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो चुके हैं ।इसके अतिरिक्त विभिन्न पत्र पत्रिकाओं व समाचार पत्र मे एक स्वतन्त्र लेखक के रूप मे हमारे लेख व कवितायें प्रकाशित होती रहती हैं ….।। “गन्दगी के कितने पनाले […]Read More