डॉ राकेश कुमार सिंह, वन्यजीव विशेषज्ञ और वेटेरिनेरियन पूर्णमासी की उस रात को मैं कभी नहीं भूलना चाहूंगा, जब शीतल चांदनी में मेरा सामना दुनिया के उस बेख़ौफ़ विडालवंशी से हुआ था जिसे दुनिया बब्बर शेर बुलाती है। हम सब बस एक पलक उसे निहारते रह गए थे। क्या खूब पूरे एक घण्टे तक जंगल […]Read More
सीमा पटेल मीठी सी मुस्कान से जब थामा था हाथ मेरा तुम्हारी उस मंद मुस्कान में दिल हार गयी थी …. हलचल उठी थी मन में रंग गयी थी चटक रंग में एक हल्के से स्पर्श से दिल हार गई थी…. डुबो कर प्रगाढ प्रेम में नयन भर निहार कर पहनाई थी मुंदरी उँगली में […]Read More
तेज प्रताप नारायण 14 सितम्बर का दिन था। पूरा देश हिंदी दिवस मना रहा था ,हर ओर हिंदी ,हिंदी ,भारत माँ के माथे की बिंदी हो रहा था।कहीं निबंध प्रतियोगिता हो रही थी ,कहीं चुटकुला सम्मेलन (कवि सम्मलेन)हो रहा था । पर हिंदी उदास थी और हो भी क्यों न ,वर्ष भर उपेक्षा झेलने के […]Read More
डॉअनुराधा ‘ओसशिक्षा– पी-एच.डी.(मुसलमान कृष्ण भक्त कवियों की प्रेम सौंदर्य दृष्टि)प्रकाशित काव्य कृति – ‘ओ रंगरेज’ सम्पादन– ‘शब्दों के पथिक’(सांझा काव्य संकलन. इंक पब्लिकेशन)‘परिवर्तन साहित्यिक मंच’ के वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित..‘मेरा रंग :वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित‘हमारे स्वर आपके शब्द’ (सृजनलोक प्रकाशन)पर कविताओं का प्रकाशन और प्रसारण..‘बिजूका ब्लॉग पर कविताएँ प्रकाशित’‘छत्तीसगढ़ मित्र वेबपोर्टल पर कविताएँ प्रकाशित’‘गूँज पर […]Read More
तेज प्रताप नारायण सितम्बर आने वाला था ।हिंदी बहुत उदास थी । अंग्रेज़ी बोली “,सिस्टर ! क्यों उदास हो ? अब तो आपके ही चर्चे होने वाले हैं । ” “सही कह रही हो बहन ! चर्चे तो होंगे लेकिन यही तो उदासी का कारण है !” इंग्लिश के अचरज का ठिकाना नही था ।भला […]Read More
डॉ अनुराधा ‘ओस जन्म-मिर्जापुर जिले के एक गाँव में शिक्षा– पी-एच.डी. (मुसलमान कृष्ण भक्त कवियों की प्रेम सौंदर्य दृष्टि) प्रकाशित काव्य कृति – ‘ओ रंगरेज’ सम्पादन– ‘शब्दों के पथिक’ (सांझा काव्य संकलन. इंक पब्लिकेशन) ‘परिवर्तन साहित्यिक मंच’ के वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित.. ‘मेरा रंग :वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित ‘हमारे स्वर आपके शब्द’ (सृजनलोक प्रकाशन)पर कविताओं […]Read More
कल्याण सिंह आंध्रप्रदेश में रहते हैं ।बी टेक हैं और साहित्य की इंजीनियरिंग भी भलीभांति करते हैं ।पढ़िए इनकी यह इंजीनियर्ड कहानी । जैसा कि गर्मी का मौसम था तो दिनेश ड्राइवर ने पहले से ही कार का A .C चालू रखा था। वो मेरे व्यवहार से पूरी तरह वाकिफ़ था कि साहब इंस्पेक्शन पर […]Read More
जितेंद्र राज चावला एक लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक, राजनीतिक विचारक हैं जो समाज में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (किरोड़ीमल कॉलेज) से शिक्षा प्राप्त की है । भारतीय संचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता किया है । इतिहास के अध्यापक है । 【1 】 इक तेरे, जहन में मेरे ख्यालों का गोते खाना, […]Read More
तेज प्रताप नारायण ,समकालीन कविता के प्रमुख रचनाकारों में से एक हैं ।इनकी रचनाओं में इंसान और इंसानियत के साथ समूची प्रकृति को बचाने की जद्दोजहद दिखाई पड़ती हैं ।उनकी चिंता हाशिए के लोग हैं । वे समाज मे उनका खोया हुआ स्थान दिलाना चाहते हैं। उनकी कविता संघर्ष की कविता है,प्रकृति की कविता है […]Read More