‘हाइकू ‘कविता की जापानी विधा है ।नीलम सिंह ,कविता की समकालीन रचनाकारों में इस विधा की सिद्धहस्त रचनाकार हैं । 【पिता】 पिता की सीख तजुर्बा ज़िन्दगी का नहीं है भीख.. पिता सरीखा न इस जहान में दूजा अनोखा.. पिता ने देखा अपना प्रतिबिंब स्व संतान में.. पिता के कंधे जिम्मेदारियों तले झुक जाते हैं… पिता […]Read More
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【मजदूरों के दिन】 कई दिनों फांके किए, कोई न आया सामने. मिन्नतें की, गिडगिडाए कोई न आया सामने. एक दिन रोटी मिली, थे कौए हजारों सामने. कई दिनों चलते रहे, सुनसान सूनी राह पर. पथ पर थे काँटे बहुत, चुभते रहे, टूटे बहुत फिर मिला सीधा सा रास्ता कितने खड़े थे सामने. कई दोनों रोते […]Read More
(1)मंजर •••••••••••••• जहां होता था प्रेमलाप सुबह की पहली किरण के साथ खिल उठता था मौसम तितलियों के झुंड सी भागती, दौड़तीं ,खिलखिलाती बालाएं बरामदे में बिखेर देती थी सतरंगी हवाएं । अपने दुपट्टे को करीने से ओढ़ती मोबाइल फोन से सेल्फी लेती कक्षा की ओर तेज कदमों से जाती हुईं अ़फसराओ सी मेरी स्मृतियों […]Read More
समकालीन युवा कवि डॉ शिव कुशवाहा सामाजिक सरोकार के कवि हैं । {चिड़ियां डर रही हैं } उन्मुक्त आकाश मेंउड़ान भरने वाली चिड़ियां डरी हुई हैंअपने स्याह होते परिवेश से दिशाओं में विचरने के लिएनहीं है उनके पास खुला स्पेसवे नहीं कर पा रही हैं वह सबकुछजो चिड़िया होने के लिए होता है जरूरी उनके […]Read More







