1..हल की धार को याद कर लेती हूँ– बहुत पहले मां नेकहा था किकुछ बनाते समयउसको याद कर लेना चाहिएजो उस काम कोअच्छे से करता होतो मैंखाना बनाते समयमाँ को याद कर लेती हूँजिंदगी की कड़वाहट कम के लिएपानी को याद कर लेती होजिंदगी को समतल बनाने के लिएहल की नुकीली धार कोऔर दुःख को […]Read More







