अवधेश यादव ,महराजगंज,उत्तर प्रदेश . मृत्यु लोक (कहानी) जुलाई के महीने में आसमान को बादलों ने चारो तरफ से घेरे हुए थे।बाहर सड़क पर एक दम गुप् अंधेरा छाया हुआ था।रह-रह के बारिश की बूंदे हल्की-हल्की फुहारों के साथ धरती को गीला किये जा रही थी। सड़क के उस पार बने दो मंजिले मकान से […]Read More
तेज प्रताप नारायण [लेखक के चार कविता संग्रह,दो कहानी संग्रह और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं । एक साझा उपन्यास का सह लेखन और संपादन भी कर चुके हैं ।पर्दे के पीछे की बेख़ौफ़ आवाज़ें, शब्दों की अदालत में,मशाल,मशाल 2019,मशाल 2020 कविता संग्रहों का संपादन भी कर चुके हैं । कविता संग्रह ‘ अपने […]Read More
[लेखिका ,संस्कृत की भूतपूर्व प्रवक्ता हैं । इनके तीन उपन्यास और एक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं ।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ ,कविताएँ और लेख प्रकाशित होते रहते हैं ।] मेन मार्केट का चौराहा पार कर लगभग बीस मीटर दायें नवीन जी का घर है। दिल्ली का पाॅश इलाका, अगल-बगल भव्य गगनचुम्बी इमारतें। […]Read More
विमलेश गंगवार [लेखिका ,संस्कृत की भूतपूर्व प्रवक्ता हैं ।इनके तीन उपन्यास और एक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं ।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ ,कविताएँ और लेख प्रकाशित होते रहते हैं ।] रात दिन चलने के बाद जब वह अपने गांव वापस आये तो हारे थके तो ही , अपना घर खोजते रहे।यह […]Read More