तेज प्रताप नारायण सितम्बर आने वाला था ।हिंदी बहुत उदास थी । अंग्रेज़ी बोली “,सिस्टर ! क्यों उदास हो ? अब तो आपके ही चर्चे होने वाले हैं । ” “सही कह रही हो बहन ! चर्चे तो होंगे लेकिन यही तो उदासी का कारण है !” इंग्लिश के अचरज का ठिकाना नही था ।भला […]Read More
रजनीश संतोष.समाज दो तरह के नियमों से चलता है एक लिखित नियम और दूसरे अलिखित नियम।दुनिया में अलिखित नियम पहले आए और लिखित नियम (संविधान के रूप में या किन्ही अन्य रूप में ) बहुत बाद में आए। किसी भी समाज की सामूहिक चेतना, विवेक, संवेदनशीलता, लोकतांत्रिक सोच आदि को जांचने के कई पैमाने होंगे […]Read More
Shailja Chaudhery, 26 years old living in Lucknow, also known as pad girl ,converting PERIODS Myths into an Informative way in a Better Reproductive Health and distributing free sanitary napkins to 720 women and girls of urban slums of Lucknow and rural areas like Unnao ,Rae Bareli, Barabanki villages through her Campaign.Stop Stigma End Period […]Read More
इं दिनेश कुमार सिंह अवसाद किसमे नही होता बस हर आदमी उसको अपने हिसाब से समायोजित करने की कोशिश करता रहता है।विश्व में अवसाद से लगभग ३०० लाख लोग प्रभावित हैं! अवसाद के लक्षण, कारण और उपचार के विषय में अवसाद की परिभाषा जानने वाला प्रत्येक व्यक्ति कम ज़्यादा जानता है और समस्या की जड़ […]Read More
सामाजिक यायावर आस्ट्रेलिया से जिन देशों ने अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वीकार कर रखी है, वे देश अपने आप अपने नागरिकों को बहुत बेहतर जीवन शैली उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व निर्वाह करते ही हैं। उदाहरण के लिए ऑस्ट्रेलिया को लेते हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार की है। स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार […]Read More
आकांक्षा दता कोरोना, कोविद१९ , लाकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, वो नए शब्द हैं जो २०२० में बच्चों की शब्दावली में जुड़ गए हैं। यह साल बच्चों के लिए एक अनूठा, अजीबोग़रीब व विस्मरणिय वर्ष बन के आया है। छोटे या बड़े सभी बच्चे हैरान हैं कि वे घर में बंद क्यों हैं? सब कुछ बंद क्यों […]Read More