यू पी के पूर्व मिनिस्टर स्मृतिशेष श्री चेतराम गंगवार जी पर संस्मरण की यह आख़िरी किश्त है । उनकी बेटी सुप्रसिद्ध उपन्यासकार /कथाकार श्रीमती विमलेश गंगवार ‘दिपि’ द्वारा लिखे गए सुंदर संस्मरण यशकायी श्री गंगवार के प्रति सच्चे श्रद्धा सुमन हैं । परिवर्तन भी ऐसे ज़मीन से जुड़े महान नेता को सादर नमन करता है […]Read More
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संस्मरण की यह शृंखला यू पी के पूर्व मिनिस्टर कांग्रेस नेता स्मृतिशेष चेतराम गंगवार जी के जीवन से सम्बंधित है जो उनकी सुपुत्री प्रसिद्ध लेखिका विमलेश गंगवार द्वारा लिखा गया है । पिता जी सोचते कि नबावगंज का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने बरेली कभी नही जाता है तो फिर वहां के लोग नबावगंज आकर […]Read More
संस्मरण की यह श्रृंखला उ प्र सरकार के पूर्व मंत्री स्मृतिशेष चेतराम गंगवार जी पर है उनकी बेटी श्रीमती विमलेश गंगवार द्वारा लिखा गया है जो सुप्रसिद्ध कथाकार और उपन्यासकार हैं । राजनैतिक पराभव के इस युग मे चेतराम जी का चरित्र और जनता के प्रति समर्पण अप्रतिम है । पूरा पढ़ने के लिए theparivartan.co.in […]Read More
यू पी के पूर्व मंत्री ,स्मृतिशेष चेत राम गंगवार जी पर उनकी सुपुत्री सुप्रसिद्ध कथाकार एवं उपन्यासकार विमलेश गंगवार’दिपि’ का संस्मरण । शायद 1975 76 में देश में एक ऑधी चली थी परिवार नियोजन की । और फिर भयंकर तूफान शुरू हुआ नसबन्दी आप्रेशनों का ।इतनी सख़्ती बरती गई कि इतने केस लाओ तो तनख़्वाह […]Read More
यह संस्मरण उनकी पुत्री विमलेश गंगवार ‘ दिपि ‘ द्वारा लिखे गए हैं जो प्रसिद्ध उपन्यासकार एवं कथाकार हैं । बरेली से नैनीताल जायेंगे तो आटामांडा रेलवे स्टेशन से थोड़ा आगे बहुत चहल पहल वाला गाँव है या यों कहें कि बहुत उपयोगी बाजार है, नाम है जादोंपुर ।आम जनता के शादी व्याह से लेकर […]Read More
यह संस्मरण उनकी बेटी विमलेश गंगवार ‘दिपि‘ द्वारा लिखा गया है ,जो वरिष्ठ कथाकार एवं उपन्यासकार हैं । वह अपने पर ही कुठाराघात करते थेहमलोग एक सप्ताह हरिद्वार रह कर लखनऊ लौटे तो पिता श्री बोलेकैसा रहा हरिद्वार भ्रमण ?हमने कहा बहुत सुन्दर रहा परगंगा घाट के इर्द गिर्द बैठे भिखारियों को देखकर बहुत दुख […]Read More
पुण्य तिथि विशेष –2 ,by Dr Rajendra Prasad Singh शूद्रों के चित्रकार थे मुद्राराक्षस! एक चित्रकार था – बादलों का चित्रकार ! वह ताजिंदगी बादलों का चित्र बनाता रहा – काले, भूरे, मटमैले बादलों का। बादलों के चित्र कभी पूरे नहीं हुए। जिंदगी पूरी हो गई। मुद्राराक्षस शूद्रों के चित्रकार थे। वे ताजिंदगी शूद्रों के […]Read More