【रजनीश संतोष आज के ज़माने के बेहतरीन ग़ज़लगो,उम्दा कवि और लेखक हैं ।समसामयिक मुद्दों पर ये ख़ास नज़र रखते हैं और मुद्दों के पीछे के मुद्दों को बड़ी क़ाबलियत से सामने लाते हैं ।】 विलबर्स कहते हैं कि, “जिन समाजों ने विज्ञान और लोकतन्त्र के जन्म की प्रसव पीड़ा खुद नहीं झेली, उन्हें उधार में […]Read More
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{कोलकता की युवा कवयित्री रचना चौधरी सिर्फ कविताएँ ही नहीं बल्कि कहानी लेखन में भी रुचि रखती हैं।आठ लेखकों द्वारा लिखित साझा उपन्यास ‘ज़िन्दगी है हैंडल हो जाएगी ‘ का सहलेखन और संपादन भी कर चुकी हैं ।} कई बार ऐसा होता है कि आप किसी सिचुएशन में बेहद परेशान या दुखी होते हैं ! […]Read More
{लेखक : आशीष kr उमराव “पटेल”, कैरियर & एकेडेमिक मेंटोर, स्पीकर, मोटीवेटर, निदेशक- गुरु द्रोणाचार्य (IIT-JEE, NEET & NDA इंस्टिट्यूट), फ़ोन & व्हाट्सप्प-8650030001} देश ने लॉकडाउन का करीब डेढ़ महीना पूरा कर लिया है। केंद्र और राज्य सरकारें लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सही रणनीति को लेकर चर्चा कर रही हैं। हालांकि कई तरह […]Read More
तेज प्रताप नारायण पत्रकारिता एक जिम्मेदाराना कार्य है एक जिम्मेदार पत्रकार का काम सही तथ्य को जनता के सामने प्रस्तुत करना, तमाम अफवाहों के बीच सच्चाई खोजकर समय से पूरे तथ्यों के साथ बिना पक्षपात के रिपोर्टिंग करनी होती है पर क्या आज के पत्रकार अपने पत्रकारिता धर्म का निर्वाह कर रहे है ? हिन्दी […]Read More
Vijay Gautam ‘मूकनायक’ अभूतपूर्व, भरपूर, कई देशों के लिए मिशाल, चुनौतीपूर्ण, सामूहिक शक्ति, एकजुट होकर, सामूहिकता, 130 करोड़ लोग, इतनी बड़ी लड़ाई, विराटता, भव्यता, विद्वता, ईश्वर का रूप, जनतारुपी महाशक्ति, विराट स्वरूप, अंधकार के बीच, निरंतर, प्रकाशमय सबसे ज्यादा प्रभावित, निश्चितता, प्रकाश का तेज़, संकट का अंधकार, चुनौती, प्रकाश की ताकत का परिचय, महाशक्ति का […]Read More
डाॅ. देवेंद्र सिंह माटी फाउंडेशन संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश किसी भी देश की तरक्की में किसानों, मज़दूरों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है। देश की लगभग 56 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि आधारित कार्यकलापों में संलग्न है। गाँवो में भूमिहीन मजदूरों को वर्ष में कई महिनों तक बेरोजगार रहना पड़ता […]Read More
राजेश पटेल कोरोना हमें बहुत सीख दे रहा है। अहं का नाश। सादा जीवन। कम जरूरतों में जीना। मांसाहार के बिना भी जीना। नशे का त्याग। स्वजन को पूरा समय देना। बिना एसी रहना। संतोष करना। हाथ जोड़ना। प्रकृति के साथ तालमेल। धूप अच्छा लगना। बाजार से दूर रहना। बाजारू चीज न खाना। अंधविश्वास से दूरी। […]Read More
सामाजिक ,सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्था ‘ परिवर्तन ‘ अपने सदस्यों के सहयोग से कोरोना प्रभावित ग़रीब परिवारों को आर्थिक सहायता दे रही है ।पूरे भारत के अलग -अलग स्थानों पर स्वयंसेवकों ने कई गरीब परिवारों को वैश्विक महामारी के समय में आर्थिक सहायता दी है ।संस्था ,संकट के समय में देश और समाज के लोगों […]Read More