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तेज प्रताप नारायण मेरी हिंदीजो हर भाषा के शब्दों को ग्रहण करतीहर भाषा से हाथ मिलाती हैहर भाषा से संवाद
तेज प्रताप नारायण मेरी हिंदीजो हर भाषा के शब्दों को ग्रहण करतीहर भाषा से हाथ मिलाती हैहर भाषा से संवाद
उपन्यासकार:तेज प्रताप नारायण प्रकाशक:साहित्य संचय ,समीक्षक :,रजनीश संतोष रजनीश संतोष प्रसिध्द ग़ज़लगो,कवि और लेखक हैं । Tej Pratap जी के
तेज प्रताप नारायण लोक आस्थाएं तमाम तरह के अंधविश्वास, टीम- टाम से अलग होती हैं ।यदि ऐसे कहा जाए कि
तेज प्रताप नारायण मेरी हिंदीजो हर भाषा के शब्दों को ग्रहण करतीहर भाषा से हाथ मिलाती हैहर भाषा से संवाद
23/09/2023
22/09/2023
22/09/2023
21/09/2023
तेज प्रताप नारायण मेरी हिंदीजो हर भाषा के शब्दों को ग्रहण करतीहर भाषा से हाथ
तेज प्रताप नारायण लोक आस्थाएं तमाम तरह के अंधविश्वास, टीम- टाम से अलग होती हैं