छोटी उम्र में बड़ा कारनामा-भगत सिंह
28 सितंबर ,1907 को भगत सिंह एक क्रांतिकारी परिवार में पैदा हुए थे। इनकी माता का नाम विद्यावती और पिता किशन सिंह था । भगत सिंह को पढ़ने लिखने का बहुत शौक़ था ।इनकी किताब ‘ मैं नास्तिक क्यों ?’ इनकी वैचारिक पद्धति को समझने के लिए एक अच्छी पुस्तक है। असेंबली में बम फेंकने के जुर्म में 24 मई 1931 को इन्हें फाँसी देना तय हुआ था लेकिन 23 मार्च को बड़े ही गुपचुप ढंग से इन्हें फाँसी दे दी गई । 23 वर्ष की नन्हीं सी उम्र में भगत सिंह ने हँसते हँसते फाँसी के फंदे को चूम लिया ।
फोटो :साभार ,गूगल
फोटो:साभार गूगल
1929 में भगत सिंह के असेंबली में बम फेंकने के बाद कोई भी अंग्रेजों के डर से उनके परिवार वालों को शरण नही दे रहा था। उस मुश्किल वक़्त मे क्रांतिकारी मौलाना हबीबुर्रहमान लुधयानवी ने परिवार वालो की हिफाज़त की और अपने घर मे पनाह दी।
मौलान हबीबुर्रहमान लुधियानवी के वालिद मौलाना अब्दुल क़ादिर लुधियानवी भी बड़े क्रांतिकारियों में से थे । 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ ये आगे आए।