नेता जी
शाक्य बीरू एंटीवायरस
जिला- गाजीपुर
उ० प्र०
Mob 8900965632
चुनाव की रणभेरी बजने में तो अभी दो साल का वक्त था। क्षेत्र के नेता जी जनता के दु:ख-दर्द में हमेशा साथ होते थे। चाहे राज्य में उनकी अपनी पार्टी की सरकार हो या न हो , अपने छुटभैयों के मदद से वह लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी बनाते जा रहे थे। नेता जी का आभामंडल ऐसा था कि जैसे साक्षात वह अपने क्षेत्र के लोगों के लिए देवदूत समान थे । चुनाव जीतने के लिए पैसे, दारू, बूथ कैप्चरिंग, हाथ पैर जोड़ना, मारपीट, धमकाने से लेकर चुनाव ड्यूटी अफसर तक को खरीद लेने का माद्दा और हुनर रखते थे। उनके बारे यह प्रायः सभी लोग यहाँ तक कि विपक्षी भी कहते थे कि नेता जी ने कभी किसी गरीब को नही सताया है। जिला मुख्यालय, विकास भवन, तहसील, ब्लाक से लेकर थाने तक हर व्यक्ति की मदद उनके छुटभैये छोटी मोटी रकम लेकर कर देते थे इस तरह नेता जी का बोलबाला हर जगह था, अधिकतर लोग खुश भी रहते थे कि कम से कम नेता जी काम तो करवा देते हैं। फिर भी इस बार नेता जी के अंदरूनी सर्वे बता रहे थे कि हो सकता है इसबार सत्तासुख से वंचित होना पड़े ।
चुनाव की तैयारियाँ जोर शोर से चल रही थी। नेता जी के पी.ए. ने एकदिन उनके सामने चिंता जाहिर की कि चुनावी कोष कम है। नेता जी ने बेफिक्र होकर कहा- इंतजाम हो जाएगा ।
एकदिन नेता जी से मिलने दो-तीन गाँव के लोग आये हुए थे। किसी के यहाँ ट्रांसफॉर्मर जल गया था तो किसी के यहाँ सड़क जर्जर थी । नेता जी ने सरकार के पास कोष कम होने की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हालांकि राज्य में हमारी पार्टी की सरकार नही है फिर भी आपसबके चिंताओं का निराकरण अवश्य होगा। बाद में नेता जी के प्रतिनिधि ने लोगों को बताया कि देखिये कोष कम है सरकार के पास और हमारी रूलिंग है नही। ऐसे में फलां गाँव के लोगों ने सड़क बनवाने या ट्रांसफॉर्मर लगवाने के लिए सहायता राशि इकट्ठा की है आपलोग तो जानते ही हैं कि प्रशासन में वी. डी. ओ. जेई, से लेकर सभी की मुट्टठी गरम करनी पड़ती है, नेता जी चाहते हैं कि आपलोगों का काम पहले हो इसके लिए आपलोग आपस में अनुदान इकट्ठा करें।
फिर क्या था ? फलां गाँव वाले बाजी न मार लें इस चिंता में लोगों ने अपना काम पहले हो इसके लिए नेता जी के पास अनुदान देना शुरू कर दिया । नेता जी के चुनावी खर्चा का इंतजाम भी हो गया ।
देर सवेर ,आगे पीछे करके नेता जी ने अनुदान लेकर क्षेत्र की जनता की मांगो को पूरा करवाया।
जनता ने उन्हें ईनाम भी दिया उन्हें चुनाव में जीतवाकर।