By :Dr Ritu Rani, (Researcher & Assistant Professor ,Hindi ) भारतीय रंगमंच कहते ही हमारे जहन में शास्त्रीय रंगमंच की एक छवि उभरकर आती है । लेकिन ‘लोक’ को भारतीय रंगमंच का पर्याय बनाने में हबीब तनवीर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है । देखा जाए तो हबीब तनवीर ने अपने नाटकों में […]Read More
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डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह प्रोफेसर, लेखक,आलोचक और प्रसिद्द भाषा वैज्ञानिक भारत में भैंसासुर के नाम पर कई गाँव बसे हैं और कई चौक – चौराहे तथा मोहल्ले भी हैं। ■ झारखंड के पलामू जिले के मनातु प्रखंड के अंतर्गत पदमा पंचायत में ” भैंसासुर गाँव” है।■उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले के अंतर्गत पूरनपुर विधान सभा क्षेत्र […]Read More
अशोक वर्मा ,भारतीय पुलिस सेवा कवि और लेखक पिछले साल इन्हीं दिनों अख़बारों में अत्यन्त हर्षानेवाली एक ख़बर छपी थी। ख़बर थी कि वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड में एक ऐसा ग्रह खोज लिया है, जिसमें जीवन की संभावनाएँ हैं। इसका नाम के2- 18बी है। अब तक खोजे गए लगभग 4000 ग्रहों में यह ग्रह मानव-जीवन के […]Read More
डॉ बृजेश ,सहायक प्रोफेसर ( अतिथि) इलाहाबाद विश्वविद्यालय महात्मा गांधी की पत्रकारिता को समझने से पहले महात्मा गांधी को समझना आवश्यक है। महात्मा गांधी को समझने के लिए उस पृष्ठभूमि पर एक सरसरी दृष्टि डाल लेनी चाहिए जिसमें उन्हें अपना स्वभाव और संस्कार मिला। इसलिए आवश्यक है कि उनकी सभी पत्रिकाएं उनकी सभ्यतागत दृष्टि को. […]Read More
.रजनीश संतोष मेरी जानकारी में गांधी इकलौती शख़्सियत हैं जिन्होंने अपनी स्थापित हो रही महानता को अपने जीते जी खुद मटियामेट करने में कोई संकोच नहीं दिखाया और अपनी सारी कमज़ोरियों, ग़लतियों और नाकामियों को ईमानदारी से स्वीकार किया .. अधिकतर महान लोगों के जीवन के कमज़ोर प्रसंग और ग़लत निर्णय आदि उनकी मृत्यु के […]Read More