कथाकार कल्याण सिंह, आंध्रप्रदेश में रहते हैं ।इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी टेक ,लेखक कहानियों की इंजीनियरिंग भी कर लेते हैं और संवेदना का करंट बहने लगता है ।लेखक की यह कहानी कोरोना काल का जीवंत दस्तावेज है । हेलो मम्मी ! – हां बेटा। ” अभी देश में संपूर्ण लॉक डाउन लग रहा है मुझे […]Read More
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31/08/2020
कोलकता की रचना चौधरी उभरती हुई रचनाकार हैं ।इनकी रचनाएँ कई कविता संग्रहों में प्रकाशित हो चुकी हैं । साझा उपन्यास, ज़िन्दगी हैंडल हो जाएगी , का सहसंपादन भी कर चुकी हैं । उछलता, कूदता और थोड़ा बेपरवाही से भरा छः साल का “प्रथम” यानी “पृथू” अपने मम्मी पापा (नलिनी-जतिन) के साथ काउंसलर के कमरे […]Read More
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10/08/2020
रीना गोयल ….सरस्वतीनगर( हरियाणा) निपट गंवार था धीरु..बड़े बाप की बिगड़ैल औलादहुकूमत के सिवा सीखा ही नही कुछ..औरत को पांव की जूती समझता ।सब गांव वालों की आँख में चुभता पर मुखिया के डर से कोई मुह न खोलता..लेकिन आज तो हद हो गयीखेत में सरजू की बिटिया चमकी को अकेला देख खूब मर्दानगी दिखाई […]Read More
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