सतीश कुमार सिंह ,समीक्षक,छत्तीसगढ़ छायावाद और छायावादोत्तर काल से लेकर समकालीन हिंदी कविता तक लंबी कविताओं का एक दौर चलता रहा है और आज भी नये पुराने सभी रचनाकार समय समय पर इसमें हाथ आजमाते रहे हैं । इसमें कोई दो राय नहीं कि इन लंबी कविताओं में कथ्य की नवीनता , भाषा और भाव […]Read More
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