ईद मुबारक़।
राजीव चौधरी,प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग,DTU
है पड़ा गले सबके कोरोना इस क़दर कि,
किसी और से गले मिलना भी मुहाल है।
पहले होली में थी जैसी कशमकश अब,
कुछ वैसी ही ईद पर भी सूरत-ए-हाल है।
फ़ासले और न बढ़ जाएं, घटाने की इन्हें,
कोई और भी तो सबील निकाली जाए।
जुदा ज़ुबां हो या मुख़्तलिफ़ हो मज़हब,
दूर सही, दिलों में ही दूरी घटा ली जाए।
ईद मुबारक़।