ज़िंदगी झरना है

 ज़िंदगी झरना है

ज़िंदगी झरना है,
गिरना है, गिरकर संभलना है।
बाधाओं को हराकर,
मंजिल तक पहुंचना है

ब्रह्म है, ब्रह्मांड है यह,
प्रकृति है, प्राकट्य है यह।
मर-मर कर जीना है,
जी-जी कर मरना है।

दिग है, दिगंत है यह,
आदि है, अनंत है यह।
आगे ही आगे बढ़ना है,
निरंतर चलते ही चलना है,’

ज़िंदगी झरना है ।