“”प्यासा”” कविता admin 06/06/2020 0 840 जन्मों से प्यासा प्यार को देखता है उन निगाहों को जो दे सकें सहारा दिलासा मिटा सकें जो उसकी वर्षों की प्यास को यही इस लिए बैठा है वो यही कहीं आयेगा कोई न कोई उसकी इस हसरत को पूरी करने को।।