मशाल 2021
मशाल पत्रिका, अंक-3 व परिवर्तन साहित्य सम्मान-2021 के लिए रचनाएं आमंत्रित
दोस्तो, ऐसे समय में जबकि कविताएं लिखना बेहद आसान नज़र आता हो, लेकिन समझना उतना ही मुश्किल, परिवर्तन साहित्यिक मंच और साहित्य संचय प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रयास हुआ ऐसे रचनाकारों को एक सशक्त और सार्थक मंच प्रदान करने का, जहां मौजूद होने की कसौटी केवल और केवल रचनाकार की कृति है। अपनी इन्हीं कोशिशों को इस समूह ने अंजाम दिया है, ‘मशाल’ का दो अंक पाठकों को सौंप कर।
ये हमारे लिए बहुत ही उत्साह और ख़ुशी की बात रही थी कि प सैकड़ों की तादाद में रचनाएं हमें प्राप्त हुई। ये इस बात की तरफ़ इशारा है कि बहुत से नवांकुर खिलने को तैयार हैं, बस ज़रूरत है थोड़ी सी प्रेरणा और मार्गदर्शन की नमी से भरी ज़मीन की। संपादक त्रयी (तेज प्रताप नारायण, रजनीश संतोष, दामिनी यादव) के लिए तो उन बेहतरीन रचनाओं में से किसी को चुनना या छोड़ देना बड़ा ही मुश्किलों से भरा काम था, जिसे आसान किया था, इनके चयन में स्तर की गंभीरता और काव्यधर्मिता की प्रतिबद्धता को बनाए रखने के संकल्प ने।
रचनाओं के चयन में शुरुआती मार्गदर्शन से लेकर अंतिम निर्णय तक वरिष्ठ साहित्यकार नरेश सक्सेना जी(पहले अंक के लिए) और फिर वरिष्ठ कवयित्री डॉ अनामिका(दूसरे अंक के लिए) के सतत परामर्श हमारे सबसे बड़े संबल रहे और नरेश सक्सेना जी के निर्णय के आधार पर पहला परिवर्तन साहित्य सम्मान पाने वाली रचनाकर्मी अनुराधा अनन्या रहीं, जिन्हें समूह की ओर से पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह, शॉल व प्रमाण पत्र प्रदान किये गए थे। फिर डॉ अनामिका के निर्णय के आधार पर दूसरा परिवर्तन साहित्य सम्मान डॉ कर्मानंद आर्य और रोहित ठाकुर को देना निश्चित हुआ है ।
अब समय है इस सिलसिले के तीसरे पड़ाव का। सो सभी साथियों से आग्रह है कि अपनी मौलिक कविताओं में से पांच कविताएं, संक्षिप्त परिचय और एक फोटो के साथ सभी को एक डॉक्यूमेंट में इस मेल आई डी पर भेजें- mashal.poetry@gmail.com(जो प्रविष्टियां कई खंडों में आएंगी उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा ।मसलन अलग अलग कविताएँ, अलग फ़ोटो और अलग परिचय आदि ।सभी कविताओं को फ़ोटो और परिचय सहित MS word के single document में ही भेजें)
रचनाएं भेजने की अंतिम तिथि है- 30 जून 2020
मशाल के सफ़र के तीसरे पड़ाव की निर्णयकर्ता और अध्यक्ष के बारे में सूचना दी जाएगी ।
निर्णयकर्ता और अध्यक्ष द्वारा चयनित रचनाकार को समूह की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा।
चयनित सभी रचनाओं को मशाल पत्रिका के तीसरे अंक में संग्रहीत किया जाएगा, जिसका प्रकाशन साहित्य संचय प्रकाशन के सौजन्य से होगा।
रचनाओं और विजेता के चयन के निर्णय का पूरी तरह से अध्यक्ष का ही होगा।