माँ

 माँ

माँ को हँसते देखा होगा
माँ को रोते भी देखा होगा
लाल के ख़ातिर अपने
हर गम सहते देखा होगा
पर हार मानते माँ को
कभी नहीं देखा होगा।

ममता की मूरत है माँ
समता की सूरत है माँ
माँ जीने की अभिलाषा है
माँ जीवन की परिभाषा है
नित संघर्षों से लड़ती माँ
कभी न पीछे हटती माँ
लाल के खातिर अपने
हर दुख सहती माँ
कभी न हार मानती माँ ।

दुख दर्द झेलते देखा होगा
अभावों से लड़ते देखा होगा
लाल के खातिर अपने
संघर्षों से लड़ते देखा होगा
माँ जैसा योद्धा जग में
क्या हमने देखा होगा !