विमलेश गंगवार दिपि वरिष्ठ कथाकार हैं ।इनके दो उपन्यास और दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती है। नाम खुशी है पर रहती हो उदास? जब मैं तुम्हें देखती हूँ मुँह लटकाये बैठी रहती हो। मैडम सरोजिनी ने उपस्थिति लेकर रजिस्टर एक तरफ रख दिया और खुशी […]Read More
वरिष्ठ कथाकार विमलेश गंगवार ,संस्कृत की भूतपूर्व प्रवक्ता हैं ।इनके दो कहानी संग्रह,एक उपन्यास और एक बाल उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं ।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी कहानियां और कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं। नौ वर्षीय शिशिर को नींद नहीं आ रही थी। अभी पन्द्रह दिन पहले कार दुर्घना में उसकी मां की मृत्यु हो […]Read More
वरिष्ठ कथाकार विमलेश गंगवार ,संस्कृत की भूतपूर्व प्रवक्ता हैं ।इनके दो कहानी संग्रह,एक उपन्यास और एक बाल उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं ।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी कहानियां और कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं। नौ वर्षीय शिशिर को नींद नहीं आ रही थी। अभी पन्द्रह दिन पहले कार दुर्घना में उसकी मां की मृत्यु हो […]Read More
मैं विश्वनाथ , 7 साल का हूँ, कक्षा 1 में पढ़ता हूँ, मुझे जानवर बहुत पसंद है, मुझे डायनासोरों के बारे में काफी जानकारी है और मुझे उनके बारे में पढ़ना और जानकारी करने में विशेष रुचि है|मैं कवितायें भी लिखता हूँ मुझे कविता पाठ करने के लिए बहुत सारे प्रमाण पत्र मिले हैं|मुझे पियानो […]Read More
त्वरित विमर्श हाँ ! मुमकिन है,पंछी की तरह आसमान में उड़ना मुमकिन हैमछली की तरह समंदर में रहना मुमकिन हैमन में अगर ठान लें कुछ भीतो मेहनत से उसे हासिल करना मुमकिन हैहाँ मुमकिन है, सब कुछ मुमकिन है मन में अगर चाह हो तो,सब कुछ मुमकिन हैदशरथ मांझी की तरह पहाड़ काटकर रास्ता बनाना […]Read More
आकांक्षा दता कोरोना, कोविद१९ , लाकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, वो नए शब्द हैं जो २०२० में बच्चों की शब्दावली में जुड़ गए हैं। यह साल बच्चों के लिए एक अनूठा, अजीबोग़रीब व विस्मरणिय वर्ष बन के आया है। छोटे या बड़े सभी बच्चे हैरान हैं कि वे घर में बंद क्यों हैं? सब कुछ बंद क्यों […]Read More
एक दौर था जब जानकारी प्राप्त करने और मनोरंजन के सीमित संसाधन हुआ करते थे हम बच्चों के पास। एक टी वी चैनल, उसपर भी अत्यंत सीमित से कार्यक्रम, सीमित विज्ञापन। इंटरनेट किस चिड़िया का नाम, कुछ अता पता ही नहीं था। लेकिन इन सीमित संसाधनों के बीच वैचारिक स्तर पर, आत्मिक स्तर पर विस्तार […]Read More
विमलेश गंगवार एक वरिष्ठ कथाकार हैं जिनके दो उपन्यास और एक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं ।तीसरा उपन्यास शीघ्र प्रकाश्य है । लम्बपुच्छ अपनी अपनी योजना बना चुके थे,अब उन्हें अपनी पत्नी लाली से सहमत लेनी थी।रात भर पीपल के पेड़ में बने कोटर (घर) में कुलबुलाते रहे थे। कोटर के चारो ओर घना […]Read More









