पिता जी ने नवाबगंज की परंपरा बदल दी(संस्मरण-10)

संस्मरण की यह शृंखला यू पी के पूर्व मिनिस्टर कांग्रेस नेता स्मृतिशेष चेतराम गंगवार जी के जीवन से सम्बंधित है जो उनकी सुपुत्री प्रसिद्ध लेखिका विमलेश गंगवार द्वारा लिखा गया है ।

पिता जी सोचते कि नबावगंज का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने बरेली कभी नही जाता है तो फिर वहां के लोग नबावगंज आकर चुनाव क्यों लड़ते हैं ?विधायक बन कर वापस तभी आते हैं जब पुनः चुनाव में वोट मांगना होता है ।जिन्हें गाँव के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं होता था ।
वह सोचते विधायक वही व्यक्ति होना चाहिये जिसका नबावगंज की सरज़मीं पर जन्म हुआ हो ।अब वहीं के लोग प्रत्याशी बनते हैं ।
फिर ईश्वर ने ऐसा करिश्मा किया ………..
कि पिता जी पहला चुनाव जीते 1967 में
दूसरा चुनाव जीते 1971 में
तीसरा चुनाव जीते 1974 में
चौथा चुनाव जीते 1977 में
पांचवां चुनाव जीते 19 80 में
छठा चुनाव जीते 19 85 में
और तीन बार मंत्री बने ।
दो बार माननीय मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जी के मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण की ।
और एक बार माननीय मुख्यमंत्री जी वीर वहादुर सिंह जी के मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण की ।
अगर विधान सभा पूरी अवधि तक चलती तो पिताजी का यह 6 बार जीतने का समय 30 वर्ष होता ।
लेकिन शायद दो बार मध्यावधि चुनाव भी हुए थे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *