भैंसासुर:गाँव, नगर,मुहल्ला और चौक

डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह

प्रोफेसर, लेखक,आलोचक और प्रसिद्द भाषा वैज्ञानिक

भारत में भैंसासुर के नाम पर कई गाँव बसे हैं और कई चौक – चौराहे तथा मोहल्ले भी हैं।

■ झारखंड के पलामू जिले के मनातु प्रखंड के अंतर्गत पदमा पंचायत में ” भैंसासुर गाँव” है।
■उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले के अंतर्गत पूरनपुर विधान सभा क्षेत्र में “भैंसासुर गाँव” है।
■ मध्यप्रदेश के जिला उत्तर बस्तर (कांकेर) तहसील अंतागढ़ में “भैंसासुर गाँव” है।
■मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर थाना क्षेत्र के अंतर्गत “ग्राम भैंसासुर” है।
■ उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के अहरौला थाना क्षेत्र में “भैंसासुर पाती” गाँव है।
■जिला महोबा ब्लाक चरखारी में “कस्बा भैंसासुर” है।
■मध्यप्रदेश के जबलपुर में “भैंसासुर तिराहा” है।
■बिहार के शहर बिहारशरीफ में “भैंसासुर चौराहा” है।
■सीहोर शहर के निकट इछावर मार्ग पहाड़ी पर “भैंसासुर बाबा का स्थान” है।
■मध्यप्रदेश के शहर छतरपुर में “भैंसासुर मुक्ति धाम” है।
●भैंसासुर दरवाजा, घाट,नदी और मंदिर●

चंदेलकालीन ऐतिहासिक “भैंसासुर दरवाजा” महोबा में है। प्रथम चंदेल नरेश नन्नुक ने मदन सागर के किनारे पर एक भव्य किले का निर्माण कराया था। प्रथम नरेश से लेकर राजा परमाल तक इस किले को सजाने सवाँरने का काम चलता रहा। किला तो ध्वस्त हो गया है, पर “भैंसासुर दरवाजा” आज भी जर्जर स्थिति में वहाँ खड़ा है।

वाराणसी में गंगा नदी के किनारे “भैंसासुर घाट” है।

मध्यप्रदेश के दतिया जिले के गोराघाट थाना क्षेत्र के ग्राम उचाड़ – लांच रोड पर “भैंसासुर का मंदिर” है।

राजस्थान के बारां जिले में “भैंसासुर नदी” बहती है।

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