सीमा अहिरवार ‘ज्योति’ की कविताएँ
{ स्तर }
दुनिया में जब जन्म लिया, लड़की का रूप मिला,
लड़के से लड़की का स्तर नीचे था.
कुदरत ने मुझको काला रंग दिया,
गोरे रंग से काले रंग का स्तर नीचे था.
बचपन गरीबी में बीता,
अमीरी से गरीबी का स्तर नीचे था.
कद मेरा थोडा छोटा था,
ऊंचे कद से छोटे कद का स्तर नीचा था.
व्याह हुआ, ससुराल पहुची,
ससुराल में बेटे से बहु का स्तर नीचा था.
जब माँ बनी, बेटी को जन्म दिया,
बेटे की माँ से, बेटी की माँ का स्तर नीचा था.
जाति जो पूछी कभी किसी ने,
मेरी जाति का स्तर नीचा था.
कैसी है ये दुनिया, मेरी नज़र में?
दुनिया का स्तर मुझसे नीचा था.
{ देवता }
देवता समाधी में था,
विज्ञान में था,
हर काम का समय था,
अवधि का जुड़ाव था,
समभाव था,
लक्ष्य में था,
प्रत्यक्ष में था
भेदने की साधना में था,
दिव्य से ध्यान में था,
कुछ ज्ञात था,
अज्ञात था,
खोजने के जोश में था,
हर देवता समाधी में था,
ध्यान में था,
विज्ञान में था.
{ नयापन }
तन ढकने को,
लिबास चाहिए था.
सूती खद्दर चुभ रहा था,
रेशमी चाहिए था.
रेशमी लिबास नाजुक था,
बहुत कीमती भी,
सो उसको एहतियात चाहिए था.
तन कसा था, मन बसा था,
था बहुत ही खूबसूरत,
सो उसको, देखनेवाला चाहिए था.
फ़िक्र हो अब क्यों किसी की,
जश्न अब हर रात हो,
सब को दिखाने के लिए,
काँच महल, अब चाहिए था.
क्या दिखाएँ, क्या छुपाए,
हैरान थे,
इतनी कलाएँ थी हममें,
जादू भी आना चाहिए था.
तन ढकने को,
लिबास चाहिए था.
{बेघर}
जब माँ-बाप बेघर हो गए,
बच्चे अचानक बड़े हो गए.
आगे चल रहे थे तन तन कर,
सिर पर रखी थी एक पोटली,
जिसमें थे पुराने कपड़े और गोदडी.
तेज थी रफ़्तार उनकी,
जैसे वे सिपाही हो गए.
जब माँ-बाप बेघर हो गए,
बच्चे अचानक बड़े हो गए.
बरसने लगा पानी जब
ठंड कोहरा छाने लगा,
पहने थे थोड़े से कपड़े,
पाव में चप्पल नहीं,
हम फतह कर लेंगे जंग को,
हौसले उनके न्यारे हो गए.
जब माँ-बाप बेघर हो गए,
बच्चे अचानक बड़े हो गए.
माँ बाप की उदासियाँ छूने लगी उन्हें,
फिक्र उनको अब अपनी न थी,
माँ-बाप की परवाह होने लगी,
वे सेवक और सहारा हो गए.
जब माँ-बाप बेघर हो गए,
बच्चे अचानक बड़े हो गए.
16 Comments
सुंदर कविता
बहुत उम्दा
बहुत सुन्दर कविताएँ हैँ
Excellent Poem
very nice lines
Heart touching lines..very deep n influencing..
Nice poems
Khoobsurat ❤
Excellent ❤️
wow nice poetry !!
सभी कविताएँ वास्तव में बहुत अच्छी हैं
“”इतनी कलाएँ थी हममें,
जादू भी आना चाहिए था.”‘
waah!!!!
Heart touching lines..very deep n influencing..
बहुत अच्छे विचार
Very nice poem
beautiful lines