आज सुबह से ही चौधरी काका के चेहरे पर उदासी की पीड़ा और निराशा झलक रही थी। कुछ बताया तो नहीं पर, बिना खराई किए, सुबह से ही बाबू जी की बैठक मे अकेले ही हुक्का गुड़गुड़ा रहे थे । कई बार कुरेदने पर भी सिर्फ चुप रह गये थे।आज तो काकी ने भी सुबह […]Read More
शाक्य बीरू एंटीवायरसजिला- गाजीपुरउ० प्र०Mob 8900965632 चुनाव की रणभेरी बजने में तो अभी दो साल का वक्त था। क्षेत्र के नेता जी जनता के दु:ख-दर्द में हमेशा साथ होते थे। चाहे राज्य में उनकी अपनी पार्टी की सरकार हो या न हो , अपने छुटभैयों के मदद से वह लगातार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी […]Read More
मुंशी प्रेमचन्द आल्हा का नाम किसने नहीं सुना। पुराने जमाने के चन्देल राजपूतों में वीरता और जान पर खेलकर स्वामी की सेवा करने के लिए किसी राजा महाराजा को भी यह अमर कीर्ति नहीं मिली। राजपूतों के नैतिक नियमों में केवल वीरता ही नहीं थी बल्कि अपने स्वामी और अपने राजा के लिए जान देना […]Read More
विमलेश गंगवार ,संस्कृत की भूतपूर्व प्रवक्ता हैं । इनके तीन उपन्यास और एक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं ।विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ ,कविताएँ और लेख प्रकाशित होते रहते हैं ।] पर्वत-सा उत्तंग बन्धा, इस पर सरकारी काॅलोनी, उस पार बन्धे के नीचे बसी वस्ती। पोलिथीन, घासफूस, टाट-बोरों से बनी झोपड़ियाँ और […]Read More
डॉअनुराधा ‘ओसशिक्षा– पी-एच.डी.(मुसलमान कृष्ण भक्त कवियों की प्रेम सौंदर्य दृष्टि)प्रकाशित काव्य कृति – ‘ओ रंगरेज’ सम्पादन– ‘शब्दों के पथिक’(सांझा काव्य संकलन. इंक पब्लिकेशन)‘परिवर्तन साहित्यिक मंच’ के वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित..‘मेरा रंग :वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित‘हमारे स्वर आपके शब्द’ (सृजनलोक प्रकाशन)पर कविताओं का प्रकाशन और प्रसारण..‘बिजूका ब्लॉग पर कविताएँ प्रकाशित’‘छत्तीसगढ़ मित्र वेबपोर्टल पर कविताएँ प्रकाशित’‘गूँज पर […]Read More