वो एक मराठा वीर था,“जय शिवाजी”जो ना किसीसे डरता था,“जय शिवाजी”भारत माँ का वो लाल था,“जय शिवाजी”जो कभी ना झुकता था।“जय शिवाजी”जीजाबाई का वो दुलारा था,“जय शिवाजी”शाहजी राजे की आंखों का वो तारा था,“जय शिवाजी”शिवनेरी में वो जन्मा था,“जय शिवाजी”सोलह सौ तीस का वो फ़रवरी महीना था,“जय शिवाजी”भालों से वो खेला था,“जय शिवाजी”सोलह साल में […]Read More
तेज प्रताप नारायण एक था डॉक्टर एक था संत एक करना चाहता थाजाति व्यवस्था का हो जाए अंतएक कहता रहाजाति है सामाजिक व्यवस्था का ज़रूरी अंग संत कहते रहेसमाज बदलेगा धीरे धीरेडॉक्टर चाहते थेसामाजिक बदलाव तुरंत संतपरंपरागत ढांचे में ही सुधार चाहते थेडॉक्टरइस ढांचे को करना चाहते थे भंग संत का कहना थाजाति ज़रूरी है […]Read More
तेज प्रताप नारायण बुद्ध होने का अर्थजीवन के मोह से मुक्ति नहींसांसारिक सुखों का त्याग नहीं बुद्ध होने का अर्थअंदर और बाहर से शुद्ध होना हैआंतरिक और बाह्य के द्वैत को कम करना है बुद्ध होने का अर्थहृदय की करुणा और बुद्धि के तर्क की दो पटरियों परजीवन की रेल गाड़ी का चलना है बुद्ध […]Read More
प्रेम करने वाली लड़कियां , तरलता से भरी बहती नदी के समान होतीं है वो पार करती हैं सारी हदें, ‘बहाव’ की टकराती, हरहराती बहती हैं स्वच्छता से नहीं रोक पाया कोई बांध कोई चट्टान कोई पहाड़ उसके संवेगों के वेग को । भाव, आवेश से परिपूर्ण होती है पूर्ण परिपक्व राग-रंग से प्लावित वो […]Read More
रचना चौधरी मन के भीतर कुलबुला रहे थेपीड़ाओं के अनगिनत गोजरजो रेंगकर पहुंचे थे पिता के हृदय से मुझतक ,हाथों में मरहम लिएमैं खड़ी थी प्रतीक्षा मेंकि कब लौटें पिता ,जिम्मेदारियां निभाकरकमाए सुकून की कुछ रेजगारिंयां लिए ,और मैं लगा दूँ लेप उन घावों परजो मिले हैं उन्हें जिम्मेदारियां उठाने की खातिरहमारी रोटियों से लेकर […]Read More
-डॉ आरके सिंह, वन्यजीव विशेषज्ञ, कवि एवम स्तम्भकार अपना घर था,घर में सब कुछ था‘पर न मालूम क्या नहीं था’ गाड़ी भी थी,एक छोटा बगीचा भी था‘पर न मालूम क्या नहीं था’ ठीक ठाक पेंशन थी,बैंक बैलेंस भी था‘पर न मालूम क्या नहीं था’ खाना बनाने वाला था,माली भी था‘पर न मालूम क्या नहीं था’ […]Read More
नाम : सरिता सैलजन्म : 10 जुलाई ,शिक्षा : एम ए (हिंदी साहित्य)मोबाइल नंबर-8431237476ई मेल आईडी – saritasail12062@gmail.comसम्प्रति : कारवार के एक प्रतिष्ठित कालेज में अध्यापन मेरे लिए साहित्य मानव जीवन की विवशताओं को प्रकट करने का माध्यम है।प्रकाशन : सृजन सारोकार , इरावत ,सरस्वती सुमन,मशाल, बहुमत, मृदगं , वीणा, संपर्क भाषा भारती,नया साहित्य निबंध […]Read More







