आदम गोंडवी आइए महसूस करिए जिंदगी के ताप कोमैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब करमर गई फुलिया बिचारी इक कुएँ में डूब कर है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरीआ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी चल रही है छंद के आयाम को […]Read More
श्रवण यादव जी उतर प्रदेश के संतकबीर नगर जनपद के मूल निवासी है तथा वर्तमान में दिल्ली में सरकारी सेवा में रत है | साहित्य में इनकी गहरी अभिरुचि है और अपने कठिन सरकारी दायित्वों का निर्वहन करते हुए भी सामयिक विषयों पर गद्य और पद्य दोनों विधाओ में निरंतर लेखन के कार्य के कार्य […]Read More
【कुछ न कुछ टूट ही जाता है..】 कुछ न टूटे ये असम्भव हैकुछ न कुछ रोज टूटनालाज़िमी हैसोचता हूँ,लिखता हूंपढ़कर फाड़ देता हूँउकड़ू बैठ जाता हूंमन मे एक नया भाव आता हैफिर कुछ न कुछ टूट ही जाता है! जिंदगी क्या है आग धुंआया पानीया फिर भूख प्यासया झूठ की कहानीसोचते सोचते जीनेका सामान जुटाने,बाजार […]Read More
डॉ अनुराधा ‘ओस जन्म-मिर्जापुर जिले के एक गाँव में शिक्षा– पी-एच.डी. (मुसलमान कृष्ण भक्त कवियों की प्रेम सौंदर्य दृष्टि) प्रकाशित काव्य कृति – ‘ओ रंगरेज’ सम्पादन– ‘शब्दों के पथिक’ (सांझा काव्य संकलन. इंक पब्लिकेशन) ‘परिवर्तन साहित्यिक मंच’ के वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित.. ‘मेरा रंग :वेबसाइट पर कविताएँ प्रकाशित ‘हमारे स्वर आपके शब्द’ (सृजनलोक प्रकाशन)पर कविताओं […]Read More
जितेंद्र राज चावला एक लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और सामाजिक, राजनीतिक विचारक हैं जो समाज में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय (किरोड़ीमल कॉलेज) से शिक्षा प्राप्त की है । भारतीय संचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता किया है । इतिहास के अध्यापक है । 【1 】 इक तेरे, जहन में मेरे ख्यालों का गोते खाना, […]Read More
तेज प्रताप नारायण ,समकालीन कविता के प्रमुख रचनाकारों में से एक हैं ।इनकी रचनाओं में इंसान और इंसानियत के साथ समूची प्रकृति को बचाने की जद्दोजहद दिखाई पड़ती हैं ।उनकी चिंता हाशिए के लोग हैं । वे समाज मे उनका खोया हुआ स्थान दिलाना चाहते हैं। उनकी कविता संघर्ष की कविता है,प्रकृति की कविता है […]Read More
तेज प्रताप नारायण ,समकालीन कविता में हस्तक्षेप रखने वाले रचनाकार हैं जिनकी रचनाओं में इंसान और इंसानियत के साथ समूची प्रकृति को बचाने की जद्दोजहद दिखाई पड़ती हैं ।उनकी चिंता हाशिए के लोग हैं । वे समाज मे उनका खोया हुआ स्थान दिलाना चाहते हैं। उनकी कविता संघर्ष की कविता है,प्रकृति की कविता है । […]Read More
दुष्यंत कुमार का जन्म 1 सितम्बर, 1933 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गांव राजपुर नवादा में हुआ था। उनका पूरा नाम दुष्यंत कुमार त्यागी था। उन्होंने इलाहबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी। शुरुआत में वे परदेशी के नाम से लिखा करते थे, किन्तु बाद में वे अपने ही नाम से लिखने […]Read More
गोंडा ,उत्तरप्रदेश की युवा कवयित्री अनुराधा मौर्या की कविताएं आधी आबादी की गूँजती आवाज़ हैं जो मानो समाज को,परिवार को झकझोर देना चाहती हों ।Email-anupearl2018@gmail.com [ समाज के अजीब समीकरण] मैं उलझ पड़ती हूँ ! समाज के उन अजीब समीकरणों में जिनमे लड़को के लिए दो और दो चार पर मेरे लिए सिर्फ तीन ही […]Read More
Follow Us
![फिर तेरी कहानी याद आई](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)
![नीना छिब्बर की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1604069779561-13207523f3572f93dc045e5695e62133.jpg)
![पंकज पटेल की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)
![फिर तेरी कहानी याद आई](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)
![नीना छिब्बर की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/uploads/2020/10/FB_IMG_1604069779561-13207523f3572f93dc045e5695e62133.jpg)
![पंकज पटेल की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)
![माँ का पल्लू](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)
![सीमा अहिरवार ‘ज्योति’ की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/uploads/2020/05/IMG_20200513_004137-d206e5ff99b1a6c047f6a16502b43611.jpg)
![डॉ अनुराधा ओस की कविताएँ](https://theparivartan.co.in/wp-content/uploads/2020/05/WhatsApp-Image-2020-05-09-at-11.05.36.jpeg)
![चाँदनी रात और सामना बब्बर शेर से](https://theparivartan.co.in/wp-content/themes/digiqole/assets/images/default_thumb.jpg)