साभार :सीमा पटेल ,कवयित्री, दिल्ली दिमागीगुलामी हैप्रगति में_बाधक जिस जाति की सभ्यता जितनी पुरानी होती है, उसकी मानसिक दासता के बंधन भी उतने ही अधिक होते हैं. भारत की सभ्यता पुरानी है, इसमें तो शक ही नहीं और इसलिए इसके आगे बढ़ने के रास्ते में रुकावटें भी अधिक हैं. मानसिक दासता प्रगति में सबसे अधिक […]Read More
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25/01/2021
23 और 24 जनवरी को परिवर्तन साहित्यिक मंच द्वारा परिवर्तन फेस्ट का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न तरह के आयोजन किए गए। इसकी शुरुआत पूर्व आई ए एस अरुण कुमार सिन्हा सीनियर पत्रकार राना सिद्दीकी ज़मान और वरिष्ठ भोजपुरी एवं हिंदी साहित्यकार डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना के उद्बोधन द्वारा हुआ ।अरुण कुमार सिन्हा ने ‘इंडिविजुअल […]Read More
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30/11/2020
तेज प्रताप नारायण उग आयें हैं हर चौराहे परकुकुरमुत्ते की तरह बाज़ारजिसमें है बिचौलियों की भरमार खरीद केंद्रों पर कमीशनखोरी के अनगिनत अजगरजो मुँह बाये खड़ें हैंमेहनत के फल को निगल रहे हैं सामाजिक ,सांस्कृतिकराजनीतिक,प्रशासनिक भ्र्ष्टाचार के दबाव मेंबिकती रहती हैं फ़सलें सस्ते भाव में लेकिनमंडी तक पहुँचते ही फसलों में सुर्खाब के पर लग […]Read More







